Sajado ghar ko gulshan sa lyrics: Sajdo Ghar Ko Gulshan Sa is a Krishna Bhajan song, this song is sung by Raj Pareek, and people have liked this Bhajan song very much.
Sajado ghar ko gulshan sa Songs Details
Song Title | Sajado ghar ko gulshan sa |
Album | Aa Gaya lo Mere Shyam ka |
Singer | Raj Pareek |
Music | Shashikant Chaubey |
Music Lebel | Yuki |
Sajado ghar ko gulshan sa lyrics in english
𝙎𝙖𝙟𝙖 𝘿𝙤 𝙂𝙝𝙖𝙧 𝙆𝙤 𝙂𝙪𝙡𝙨𝙝𝙖𝙣 𝙎𝙖
𝘼𝙬𝙖𝙙𝙝 𝙈𝙚 𝙍𝙖𝙢 𝘼𝙖𝙮𝙚 𝙃𝙖𝙞
𝘼𝙫𝙖𝙙𝙝 𝙈𝙚 𝙍𝙖𝙢 𝘼𝙖𝙮𝙚 𝙃𝙖𝙞
𝙈𝙚𝙧𝙚 𝙎𝙖𝙧𝙠𝙖𝙖𝙧 𝘼𝙖𝙮𝙚 𝙃𝙖𝙞 ।
𝙇𝙖𝙜𝙚 𝙆𝙪𝙩𝙞𝙮𝙖 𝘽𝙝𝙞 𝘿𝙪𝙡𝙝𝙖𝙣 𝙎𝙞
𝙇𝙖𝙜𝙚 𝙆𝙪𝙩𝙞𝙮𝙖 𝘽𝙝𝙞 𝘿𝙪𝙡𝙝𝙖𝙣 𝙎𝙞
𝙎𝙖𝙟𝙖 𝘿𝙤 𝙂𝙝𝙖𝙧 𝙆𝙤 𝙂𝙪𝙡𝙨𝙝𝙖𝙣 𝙎𝙖
𝘼𝙬𝙖𝙙𝙝 𝙈𝙚 𝙍𝙖𝙢 𝘼𝙖𝙮𝙚 𝙃𝙖𝙞 ।।
𝙋𝙖𝙠𝙝𝙖𝙧𝙤 𝙄𝙣𝙠𝙚 𝘾𝙝𝙖𝙧𝙣𝙤 𝙆𝙤
𝘽𝙖𝙝𝙖 𝙆𝙖𝙧 𝙋𝙧𝙚𝙢 𝙆𝙞 𝙂𝙖𝙣𝙜𝙖,
𝘽𝙖𝙝𝙖 𝙆𝙖𝙧 𝙋𝙧𝙚𝙢 𝙆𝙞 𝙂𝙖𝙣𝙜𝙖
𝘽𝙞𝙘𝙝𝙖 𝘿𝙤 𝘼𝙥𝙣𝙞 𝙋𝙖𝙡𝙠𝙤 𝙆𝙤,
𝙎𝙖𝙟𝙖 𝘿𝙤 𝙂𝙝𝙖𝙧 𝙆𝙤 𝙂𝙪𝙡𝙨𝙝𝙖𝙣 𝙎𝙖
𝘼𝙫𝙖𝙙𝙝 𝙈𝙚 𝙍𝙖𝙢 𝘼𝙖𝙮𝙚 𝙃𝙖𝙞 ।।
𝙏𝙚𝙧𝙞 𝘼𝙖𝙝𝙖𝙩 𝙎𝙚 𝙒𝙖𝙦𝙞𝙛 𝙉𝙖𝙝𝙞
𝘾𝙝𝙚𝙝𝙧𝙚 𝙆𝙞 𝙃𝙖𝙞 𝘿𝙖𝙧𝙠𝙖𝙖𝙧,
𝘽𝙞𝙣𝙖 𝘿𝙚𝙠𝙝𝙚 𝙃𝙞 𝙆𝙚𝙝 𝘿𝙚𝙣𝙜𝙚
𝙇𝙤 𝘼𝙖 𝙂𝙖𝙮𝙚 𝙃𝙖𝙞 𝙈𝙚𝙧𝙚 𝙎𝙖𝙧𝙠𝙖𝙖𝙧,
𝙇𝙤 𝘼𝙖 𝙂𝙖𝙮𝙚 𝙃𝙖𝙞 𝙈𝙚𝙧𝙚 𝙎𝙖𝙧𝙠𝙖𝙖𝙧
𝘿𝙪𝙖𝙤 𝙆𝙖 𝙃𝙪𝙖 𝙃𝙖𝙞 𝘼𝙨𝙖𝙧 ।
𝘿𝙪𝙖𝙤 𝙆𝙖 𝙃𝙪𝙖 𝙃𝙖𝙞 𝘼𝙨𝙖𝙧 𝘼
𝙫𝙖𝙙𝙝 𝙈𝙚 𝙍𝙖𝙢 𝘼𝙖𝙮𝙚 𝙃𝙖𝙞,
𝙎𝙖𝙟𝙖 𝘿𝙤 𝙂𝙝𝙖𝙧 𝙆𝙤 𝙂𝙪𝙡𝙨𝙝𝙖𝙣 𝙎𝙖
𝘼𝙫𝙖𝙙𝙝 𝙈𝙚 𝙍𝙖𝙢 𝘼𝙖𝙮𝙚 𝙃𝙖𝙞 ।।
𝙎𝙖𝙟𝙖 𝘿𝙤 𝙂𝙝𝙖𝙧 𝙆𝙤 𝙂𝙪𝙡𝙨𝙝𝙖𝙣 𝙎𝙖
𝘼𝙫𝙖𝙙𝙝 𝙈𝙚 𝙍𝙖𝙢 𝘼𝙖𝙮𝙚 𝙃𝙖𝙞
𝘼𝙫𝙖𝙙𝙝 𝙈𝙚 𝙍𝙖𝙢 𝘼𝙖𝙮𝙚 𝙃𝙖𝙞
𝙈𝙚𝙧𝙚 𝙎𝙖𝙧𝙠𝙖𝙖𝙧 𝘼𝙖𝙮𝙚 𝙃𝙖𝙞 ।
𝙇𝙖𝙜𝙚 𝙆𝙪𝙩𝙞𝙮𝙖 𝘽𝙝𝙞 𝘿𝙪𝙡𝙨𝙝𝙖𝙣 𝙎𝙞
𝙇𝙖𝙜𝙚 𝙆𝙪𝙩𝙞𝙮𝙖 𝘽𝙝𝙞 𝘿𝙪𝙡𝙝𝙖𝙣 𝙎𝙞
𝙎𝙖𝙟𝙖 𝘿𝙤 𝙂𝙪𝙡𝙨𝙝𝙖𝙣 𝙎𝙞
𝘼𝙫𝙖𝙙𝙝 𝙈𝙚 𝙍𝙖𝙢 𝘼𝙖𝙮𝙚 𝙃𝙖𝙞 ।।

Sajado ghar ko gulshan sa lyrics in Hindi
सजा दो घर को गुलशन सा
सजा दो घर को गुलशन सा
मेरे सरकार आये हैं
सजा दो घर को गुलशन सा
मेरे सरकार आये हैं
मेरे सरकार आये हैं
मेरे सरकार आये हैं
—कोरस—
मेरे सरकार आये हैं
मेरे सरकार आये हैं
मेरे सरकार आये हैं
लगे कुटिया भी दुल्हन सी
लगे कुटिया भी दुल्हन सी
मेरे सरकार आये हैं
—कोरस—
सजा दो घर को गूलशन सा
मेरे सरकार आये हैं
पखारो इनके चरणो को
बहा कर प्रेम की गंगा
—कोरस—
पखारो इनके चरणो को
बहा कर प्रेम की गंगा
पखारो इनके चरणो को
बहा कर प्रेम की गंगा
—कोरस—
पखारो इनके चरणो को
बहा कर प्रेम की गंगा
बहा कर प्रेम की गंगा
बिछा दो अपनी पलकों को
बिछा दो अपनी पलकों को
मेरे सरकार आये हैं
—कोरस—
सजा दो घर को गूलशन सा
मेरे सरकार आये हैं
सरकार आ गए हैं मेरे गरीब खाने में
सरकार आ गए हैं मेरे गरीब खाने में —कोरस
आया हैं दिल को सुकून उनके करीब आने में
आया हैं दिल को सुकून उनके करीब आने में—कोरस
मुद्द्त से प्यासी अखियों को मिला आज वो सागर
मुद्द्त से प्यासी अखियों को मिला आज वो सागर—कोरस
भटका था जिसको पाने के खातिर इस ज़माने में
भटका था जिसको पाने के खातिर इस ज़माने में—कोरस
उमड़ आई मेरी आँखे
देख कर अपने बाबा को
—कोरस—
उमड़ आई मेरी आँखे
देख कर अपने बाबा को
उमड़ आई मेरी आँखे
देख कर अपने बाबा को
—कोरस—
उमड़ आई मेरी आँखे
देख कर अपने बाबा को
देख कर अपने बाबा को
हुई रोशन मेरी गलियां
हुई रोशन मेरी गलियां
मेरे सरकार आये हैं
—कोरस—
सजा दो घर को गूलशन सा
मेरे सरकार आये हैं
तुम आकर फिर नहीं जाना
मेरी इस सुनी दुनिया से
—कोरस—
तुम आकर फिर नहीं जाना
मेरी इस सुनी दुनिया से
तुम आकर फिर नहीं जाना
मेरी इस सुनी दुनिया से
—कोरस—
तुम आकर फिर नहीं जाना
मेरी इस सुनी दुनिया से
मेरी इस सुनी दुनिया से
कहूँ हर दम यही सब से
कहूँ हर दम यही सब से
मेरे सरकार आये हैं
—कोरस—
सजा दो घर को गूलशन सा
मेरे सरकार आये हैं
मेरे सरकार आये हैं
मेरे सरकार आये हैं
—कोरस—
मेरे सरकार आये हैं
मेरे सरकार आये हैं
मेरे सरकार आये हैं
लगे कुटिया भी दुल्हन सी
लगे कुटिया भी दुल्हन सी
मेरे सरकार आये हैं
—कोरस—
सजा दो घर को गूलशन सा
मेरे सरकार आये हैं
मेरे सरकार आये हैं
—कोरस—
मेरे सरकार आये हैं
Sajado ghar ko gulshan sa lyrics